Tuesday, May 25, 2021

साईं बाबा व्रत कथा (हिंदी में)

साईं बाबा व्रत कथा (हिंदी में)

पिछले पोस्ट में साईं व्रत के नियम, पूजा विधि और उद्यापन के बारे में बताया गया है और यह भी उल्लेखित किया है कि इस व्रत में साईं कथा का पाठ किया जाता है। तो आइये हम यहाँ साईं कथा का पाठ करते हैं और साईं व्रत को सफल करते हैं।

sai vrat katha hindi


साईं व्रत कथा 1

कोकिलाबाई और उनके पति महेशराव शहर में रहते थे। उनके बीच सब ठीक था लेकिन महेश राव काफी झगड़ालू किस्म के थे और अपनी जुबान पर काबू नहीं रख पाते थे। पड़ोसी भी इस वजह से उनसे तंग आ चुके थे। कोकिलाबाई एक धर्मपरायण महिला थीं। ईश्वर में उनकी अटूट आस्था थी। वह चुपचाप यह सब सहती रही। धीरे धीरे उनके पति का धंधा बैठने लगा, कमाई होती नहीं थी और इससे उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया था।

एक दिन दोपहर के समय एक बूढ़े साधु महाराज उनके द्वार पर आए। उनके चेहरे पर तेज था। उन्होंने दाल-चावल मांगा। कोकिलाबाई ने दाल और चावल साधु को अर्पित किये और दोनों हाथों से प्रणाम किया। साधु ने कहा "साईं सदैव खुश रखें" कोकिलाबाई ने कहा, "महाराज, सुख तो भाग्य में ही नहीं है" और फिर अपना दुख व्यक्त किया।

महाराज ने श्रीसाईं बाबा के व्रत की जानकारी दी। व्रत के नियम, पूजा विधि और उद्यापन के बारे में बताया। साधु ने बताया ये साईं व्रत बहुत ही चमत्कारी व्रत है जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी लेकिन साईं में आस्था रखना आवश्यक है। जो लोगों को साईं कथा की पुस्तकें बांटकर साईं की महिमा का प्रसार करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

साईं बाबा की आरती सुनें।

कोकिलाबाई ने भी साईं व्रत करने का निर्णय लिया। 9वें गुरुवार को उद्यापन किया, गरीबों को भोजन कराया गया और साईं व्रत कथा की पुस्तकें भी बाँटी। उनके घर का झगड़ा सुलझ गया और घर में सुख-शांति आ गयी। महेशराव का स्वभाव काफी बदल गया। धंधा जोर-शोर से शुरू हुआ और कुछ ही दिनों में सुख-समृद्धि में वृद्धि हुई। दोनों खुशी-खुशी रहने लगे। 


एक दिन कोकिलाबाई की जेठानी सूरत से आई। जेठानी ने कहा कि बच्चे पढ़ाई नहीं करते जिससे वे परीक्षा में असफल होते हैं। कोकिलाबाई ने साईं के नौ गुरुवार व्रत के बारे में उन्हें बताया। कोकिलाबाई ने कहा साईं बाबा पर विश्वास करो वो सबकी मदद करते हैं और साईं व्रत से बच्चों की पढ़ाई में उन्नति होगी, इसके लिए उन्हें आश्वस्त किया। उनकी जेठानी ने व्रत के बारे में सारी जानकारी मांगी। 


कोकिलाबाई ने संपूर्ण जानकारी देते हुए कहा- 9 गुरुवार को फल और मिठाई खाकर या फिर एक बार का भोजन करके यह व्रत कर सकते हैं। हो सके तो साईं बाबा के मंदिर में दर्शन के लिए जाएं। यह व्रत कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह महिला हो, पुरुष हो या बच्चा हो। 9वें गुरुवार को गरीबों को भोजन कराएं। पड़ोसियों, रिश्तेदारों को साईं व्रत कथा की किताबें दी जा सकती हैं। पूरे ९ गुरुवार को साईं की पूजा करें। पीले फूल चढ़ाएं, दीपक और अगरबत्ती जलाएं। साईं का स्मरण करें। प्रसाद चढ़ाएं, आरती करें। साईं व्रत की कथा कहें या फिर सुने।


जेठानी के सूरत जाने के कुछ दिनों बाद, कोकिलाबाई को एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि उनके बच्चे भी अब  साईं व्रत करते हैं और बहोत अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं। हे साईंराम जैसे अपने कोकिलाबाई की मुसीबतों को हर लिया वैसे ही हम सब पर भी अपनी कृपा बनाये रखो भगवान।


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साईं व्रत कथा 2

साईं व्रत कथा साईंभक्त की ज़ुबानी "घुटने का दर्द हमेशा के लिए ख़त्म हो गया"

फ्रैक्चर की वजह से मेरे घुटनों में दर्द था। डॉक्टर से ऑपरेशन की सलाह दी थी पर मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया। दस दिन हो चुके थे, मैं दवाई तो ले रहा था पर उससे कोई फर्क नहीं पड़ा। दर्द वैसे का वैसा ही था। यह सब असह्य था। छुट्टी में सब लोग शिर्डी जा रहे थे और वहीं से राजस्थान जाने वाले थे पर मेरा जाना संभव नहीं था। घुटनों में भयंकर दर्द था।

मेरे एक मित्र ने साईं के ९ गुरुवार व्रत का महत्व मुझे बताया और फिर मेरी भी इच्छा हुई इसे करने की। उस दिन स्कूटर पर बैठ के मैं साईं बाबा के दर्शन के लिए गया। मैंने साईं से प्रार्थना की कि कल मुझे शिर्डी दर्शन के लिए आना है और राजस्थान भी जाना है सबके साथ पर इस घुटने के दर्द के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। अगर आप मुझे इस दर्द से मुक्ति दिला दें तो मैं ९ गुरुवार व्रत करूँगा।


फिर चमत्कार हुआ और ऐसा चमत्कार मैंने अपनी ज़िंदगी में नहीं देखा था। मंदिर के बाहर आते ही मेरे घुटनों का दर्द गायब। मैं अच्छे से चलने लगा था, घर में सब आश्चर्यचकित थे। साईकृपा से मैं अगले १५ दिन शिर्डी राजस्थान सब जगह घुमा फिरा पर दुःख दर्द का नाम नहीं।


ॐ श्री साईनाथाय नमः।

साईं बाबा व्रत कथा, नियम और पूजा विधि in हिंदी (9 गुरुवार)

साईं बाबा व्रत कथा (9 गुरुवार), नियम और पूजा विधि in हिंदी

गुरुवार का दिन साईं बाबा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए साईं व्रत रखते हैं। साईं महिमा अपरम्पार है। इन्होने कभी भी किसी में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया। जो भी साईं को सच्चे मन से पुकारते हैं साईं उनकी जरूर सुनते हैं और मदद भी करते हैं। साईं बाबा पर श्रद्धा रखकर ९ गुरुवार विधिपूर्वक साईं व्रत करने पर आपको निश्चित ही इसका फल प्राप्त होगा और आपके कार्य सिद्ध होंगे। साईं व्रत कैसे करें, इसके बारे में यहाँ पर सारी जानकारी दी गयी है।

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साईं व्रत के नियम

साईं व्रत कोई भी कर सकता है, बस आस्था होनी चाहिए। इसे किसी भी गुरुवार से सच्चे दिल से साईं बाबा का नाम स्मरण करके शुरू किया जा सकता है। साईं के प्रति सच्ची श्रद्धा भाव जरूरी है। यह व्रत १, ९, ११ या २१ गुरुवार किया जा सकते हैं और ज्यादातर लोग ९ गुरुवार साईं व्रत हैं और फिर उद्यापन कर देते हैं।


साईं व्रत पूजा विधि

साईं व्रत में पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जा सकती है। सुबह नहा धोकर एक साफ़ सुथरे आसन (या चौकी) पर पीले रंग का कपडा डालकर उसपर साईं बाबा की फोटो रखनी है। फोटो को साफ़ करके साईं बाबा को चन्दन का टीका लगाना है और माला-फूल चढ़ाना है। पीले रंग के फूल होंगे तो और भी अच्छा है। दिया, अगरबत्ती लगाना है और साईं की आरती करनी है। आप साईं को प्रसाद भी चढ़ा सकते है।


आप किसी विशेष वस्तु या इच्छा के लिए व्रत कर रहे हैं उसके लिए सच्ची श्रद्धा रखते हुए साईं से प्रार्थना कीजिये और उन्हें दिल से धन्यवाद दीजिये, आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी।


गुरुवार के दिन को अपने साईं बाबा को समर्पित किया है तो आपको निरंतर साईं स्मरण करना चाहिए, जिससे आप अपने आप को साईं के समीप महसूस कर सकें।


साईं व्रत को एकदम खाली पेट (निराहार) नहीं करना है, आप फलाहार या फिर एक वक़्त का खाना खा सकते हैं।


अगर किसी वजह से आप किसी गुरुवार को साईं व्रत नहीं कर पाते हो तो कोई बात नहीं, मन में किसी भी प्रकार की शंका न रखते हुए आप अगले गुरुवार को व्रत जारी रख सकते हैं।


वैसे, साईं तो हमारे मन में बसे हैं, हमें उन्हें कही ढूंढने की जरूरत नहीं फिर भी अगर हो सके तो साईं मंदिर जाकर साईं बाबा के दर्शन कर लीजिये। इससे हमें और भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।


साईं बाबा व्रत कथा पढ़े या फिर सुने इससे हमारी आस्था और मज़बूत होती है और हम अपनी इच्छाओं को पूर्ण होता हुआ महसूस करते हैं। "ॐ श्री साईनाथाय नमः" का उच्चारण कर सकते हैं। इससे आस पास के वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचारण होता है।


साईं बाबा हमेशा ही जरूरतमंद लोगों की मदद करते थे और भूखों को खाना खिलाते थे इसलिए अगर आप ऐसे किसी इंसान की मदद करें या खाना खिला सके तो साईं अत्यंत प्रसन्न होंगे।


अत्यधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप गुरुवार साईं व्रत में जो कुछ भी करें श्रद्धा और सबुरी रख के करें, किसी भी तरह की शंका न रखें। हमेशा साईं के प्रति सच्ची श्रद्धा रखें।


साईं व्रत उद्यापन

नौवें (9th) गुरुवार को साईं व्रत का उद्यापन करें। पूजा विधि समाप्त करके अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों को खाना खिलाएं या फिर खाद्य पदार्थ का वितरण करें। जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान दक्षिणा दें। साईं व्रत कथा की पुस्तक लोगों को बाँट के साईं महिमा का प्रसार करें।

Tuesday, December 1, 2020

साईं बाबा Status in हिंदी for Whatsapp

साईं बाबा Status in हिंदी for Whatsapp

यहाँ पर हमने अलग अलग तरह के और नए डिज़ाइन के कई साईं बाबा स्टेटस share किये हैं जो कि social media platform जैसे कि Whatsapp, Instagram, Facebook और कई अन्य platforms पर शेयर कर सकते हैं। यहाँ पर उल्लेखित साईं बाबा status के सुंदर quotes साईं सतचरित्र ग्रन्थ से लिए गए हैं। Sai Baba status Hindi पर अगर आप कोई feedback या comment देना चाहें तो आपका स्वागत है।

  1. सुख और दुःख दोनों ही स्थायी नहीं होते हैं इसलिए हमें ना ही सुख के मोह में पड़ना चाहिए और ना ही दुःख से घबराना चाहिए।

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    Sukh aur dukh donon hee sthaayee nahin hote hain isaliye hamen na hee sukh ke moh mein padana chaahiye aur na hee dukh se ghabaraana chaahiye.

  2. मैं तो सर्वव्यापी हूँ और विश्व के समस्त भूतों तथा चराचर में व्याप्त रहकर भी अनंत हूँ।

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    Main to sarvavyaapi hoon aur vishv ke samast bhooton tatha charaachar mein vyaapt rahakar bhi anant hoon.

  3. मेरा भक्त चाहे १००० कोस की दूरी पर ही क्यों ना हो, वह शिरडी को ऐसा खिंचा चला आता है जैसे धागे से बंधी हुई चिड़िया खिंच कर स्वयं ही आ आती है।

    Sai baba status photo


    Mera bhakt chahe 1000 kos ki doori par hi kyon na ho, vah Shirdi ko aisa khincha chala aata hai jaise dhaage se bandhi hui chidiya khinch kar svayam hi aa jati hai.

  4. निराश ना होना कि मैं तुमसे विदा हो जाऊंगा, मेरी समाधि हमेशा आशा का सन्देश पहुंचाती रहेगी और भक्तों का कल्याण करती रहेगी।

    om sai ram status


    Niraash na hona ki main tumse vida ho jaoonga, meri samaadhi hamesha aasha ka sandesh pahunchati rahegee aur bhakton ka kalyaan karti rahegi.

  5. जो बाबा को नमन कर अनन्य भाव से उनकी शरण में जाता है उसे फिर कोई साधना करने की आवश्यकता नहीं। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष उसे सहज ही प्राप्त हो जाते हैं।

    Om sai ram status


    Jo Baba ko naman kar anany bhaav se unakee sharan mein jaata hai use phir koi saadhana karne ki aavashyakata nahin. Dharm, arth, kaam aur moksh use sahaj hi praapt ho jaate hain.




  1. भगवान तुम्हे खुद को बदलने की शक्ति, समझ और मौका दे सकता है लेकिन इस मौके का फायदा उठाकर खुद को बदलने के लिए मेहनत तुम्हें खुद ही करनी है।

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    Bhagavaan tumhe khud ko badalane kee shakti, samajh aur mauka de sakata hai lekin is mauke ka fayada uthaakar khud ko badalane ke liye mehnat tumhen khud hee karanee hai.

  2. इंसान की असली परीक्षा दुःख में होती है।दुखों को परीक्षा समझ कर निभाते जाओ।

    sai baba status hindi


    Insaan ki asali pareeksha duhkh mein hotee hai. dukhon ko pareeksha samajh kar nibhaate jao.

  3. मुझे जो प्रेम से पुकारता है, उसके सम्मुख मैं अविलम्ब ही प्रकट हो जाता हूँ।

    sai baba status hindi

    Mujhe jo prem se pukarata hai, usake sammukh main avilamb hi prakat ho jaata hoon.

  4. कभी भी किसी भूखे को नज़रअंदाज़ ना करना भले ही वो कोई इंसान हो या कोई जानवर। भूखे को खाना खिलाना सबसे बड़ी बात है।

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    Kabhee bhee kisee bhookhe ko nazarandaaz na karana, bhale hee vo koee insaan ho ya koee jaanavar. bhookhe ko khaana khilaana sabase badee baat hai.

  5. सबमें भगवान की छवि है इसलिए सबसे प्यार करो, सबकी इज्जत करो, सबकी मदद करें और खुशियां बांटते रहो।

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    Sab mein bhagvaan kee chhavi hai isaliye sabse pyaar karo, sabkee ijjat karo, sabkee madad karen aur khushiyaan baantate raho.

  6. सारे धर्म एक सामान है इसलिए हर धर्म का सम्मान करो।

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    Saare dharm ek saamaan hai isaliye har dharm ka sammaan karo.




  1. मैं सदैव सर्वभूतों में व्याप्त हूँ। जो मुझपर विश्वास रखकर हमेशा मेरा ही चिंतन करता है, उसके सब कार्य मैं स्वयं ही करता हूँ और अंत में उसे श्रेष्ठगति देता हूँ।

    sai baba whatsapp status



    Main sadaiv sarvabhooton mein vyaapt hoon. Jo mujhpar vishvaas rakhakar hamesha mera hee chintan karata hai, usake sab karya main svayam hee karta hoon aur ant mein use shreshthagati deta hoon.

  2. मुझ पर पूर्ण विश्वास रखो। यद्यपि मैं देह त्याग भी दूंगा, परन्तु फिर मेरी अस्थियां आशा और विश्वास का संचार करती रहेंगी।

    sai baba whatsapp status



    Mujh par poorn vishvaas rakho. Yadyapi main deh tyaag bhee doonga, parantu phir meri asthiyaan aasha aur vishvaas ka sanchaar karatee rahengee.

  3. मुक्ति का एकमात्र उपाय है - गुरु के श्री चरणों में अटल प्रेम और भक्ति।

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    Mukti ka ekmaatra upaay hai - guru ke shree charanon mein atal prem aur bhakti.

  4. इंसान का धर्म ये है कि इस संसार को और बेहतर बनाना। समाज के उद्धार को अपने जीवन का लक्ष्य मानना और उस पर अमल करना।

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    Insaan ka dharm ye hai ki is sansaar ko aur behatar banaana. samaaj ke uddhaar ko apne jeevan ka lakshy maanana aur us par amal karana.

  5. जब भक्तों में प्रेम और भक्ति का स्रोत प्रवाहित होगा तो विट्ठल स्वयं ही यहाँ प्रकट हो जायेंगे।

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    Jab bhakton mein prem aur bhakti ka srot pravaahit hoga to Vitthal svayam hee yahaan prakat ho jaayenge.

  6. सबसे प्यार करो, जरूरतमंद की मदद करो, किसी से ईर्ष्या न करो बल्कि हर किसी की ख़ुशी में खुश रहना सीखो।

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    Sabse pyaar karo, jarooratamand kee madad karo, kisee se eershya na karo balki har kisee kee khushee mein khush rahana seekho.

यह भी पढ़ें - साईं बाबा quotes in हिंदी from Mere Sai Serial.





साईं बाबा status के और भी चित्र जोड़े जाएंगे जल्द ही।

Saturday, November 28, 2020

साईं बाबा quotes in हिंदी from Mere Sai Serial (dialogues)

साईं बाबा quotes in हिंदी from Mere Sai Serial (dialogues)

शिर्डी के साईं बाबा भारत के एक जाने माने आध्यात्मिक गुरु थे और वह पूरी दुनिया में अपनी सार्थक और अद्भुत शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हमेशा श्रद्धा, सबुरी, प्रेम, दया, मदद, भक्ति, शांति और न्याय पर बल दिया और लोगों को इसका पाठ पढ़ाया। साईं बाबा ने हमेशा ही सबको सकारत्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया और उनका पूरा जीवन मानव जाति की भलाई के लिए समर्पित था। उनके द्वारा दी गयी शिक्षा का अनुसरण करके लोग अपना जीवन सार्थक करते हैं। Find here Sai baba quotes in Hindi taken from Mere Sai Serial.

यहाँ पर उल्लेखित साईं बाबा के Quotes मेरे साईं सीरियल के कई एपिसोड्स से लिया गया है। इन्हे पढ़ें, इनका अर्थ समझे और अपनी ज़िन्दगी में इनका अनुसरण करे और अपनी ज़िन्दगी को और बेहतर बनाये।

Also, read साईं बाबा के ११ वचन.



sai baba quotes hindi from mere sai serial

यह भी पढ़ें Sai Baba WhatsApp status in Hindi.

  1. जब तक मन चंचल रहेगा वो गंदे पानी की तरह किसी काम का नहीं। ऐसा मन असफलता के अलावा कुछ नहीं देता है लेकिन जब वही मन शांत हो जाता है तो सफलता अपने आप आ जाती है।
  2. बदलाव, भूचाल आते रहेंगे लेकिन संयम से हर मुश्किल टल सकती है।
  3. ये दिमाग जो है ना, सब कुछ यहीं है। अगर ये सोच ले तो पत्थर को भी ईश्वर का रूप दे सकता है। यहीं जन्मस्थली है संभव और असंभव की।। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किसे जन्म देना चाहते हैं।
  4. हम सब भगवान् के अंश हैं और प्रयास करने से हम असंभव को भी संभव कर सकते हैं।
  5. आस्था, आत्मविश्वास और प्रयास, किसी भी संकट से बाहर निकलने के लिए ३ महत्वपूर्ण साथी हैं।
  6. अक्सर गलती करने के बाद हम उसमें छिपी सीख को नहीं देखते। बस अपनी गलती को सुधरने का दूसरा मौका मांगते हैं लेकिन उस दूसरे मौके में परीक्षा भी छिपी होती है, लालच, मुश्किलों आदि के रूप में। उस परीक्षा के दौरान हम कैसा प्रदर्शन करते हैं वो तय करता है कि हम सफल होंगे या नहीं।
  7. अच्छे कर्म करो, सबकी मदद करो, बिना किसी चीज़ की उम्मीद के, निःस्वार्थ भाव से। कर्मयोग की ये कड़ी अगर ऐसे ही एक इंसान से दूसरे और दूसरे से तीसरे तक जुड़ती गई तो ये दुनिया और भी बेहतरीन हो जाएगी।
  8. समझ और घृणा में बड़ा ही अजीब रिश्ता है। जब तक घृणा रहती है, समझ काम नहीं करता और घृणा के दूर होने के लिए समझ का आना भी बहोत जरूरी है।
  9. जो तुम्हारी कमी है, उसे तुम्हे खुद ही पूरा करना होगा। ये सोच लेने से कि केवल भगवान की पूजा करने से वो तुम्हारी कमियों को पूरा कर देगा, तुम्हारी गलतियों को ठीक कर देगा, ये विश्वास नहीं बल्कि अंधविश्वास है। भगवान तुम्हे शक्ति दे सकता है, समझ दे सकता है, मौका दे सकता है खुद को बदलने का लेकिन इस मौके का फायदा उठाकर खुद को बदलने के लिए मेहनत तुम्हें खुद ही करनी है। तुम्हारा कर्म होगा तो उसका भी कर्म होगा।
  10. कर्मयोग का मार्ग चुनौतियों से भरा है। चुनौतियों से हारते हैं या उन्हें पार करते हैं, यही खेल है जीवन का।
  11. इस दुनिया में कुछ भी हमेशा के लिए स्थायी नहीं रहता। मुश्किलें आती हैं टल जाती हैं, सुख आता है वो भी गुजर जाता है। लेकिन जिस तरह सुख को स्थायी मानकर उसके मोह में पड़ने की भूल नहीं करनी चाहिए, उसी तरह दुःख, मुश्किल, तक़लीफ़ें - इन्हें भी स्थायी मान कर इनसे घबराना नहीं चाहिए।

  12. Also, read Swami Vivekananda Quotes in Hindi.

  13. भगवान ने दुःख बनाया ही क्यों?

    दुःख वह आइना है जो इंसान को दुनिया का असली चेहरा दिखाता है। सिर्फ दुनिया ही नहीं बल्कि खुद इंसान को भी अपने व्यक्तित्व और अपने असली चरित्र की असली पहचान कराता है दुःख। सुख में धर्म का पालन करना आसान होता है, इंसान की असली परीक्षा तो तब होती है जब वो दुखों से घिरा होता है। जब उसे अपनी मुश्किलों से निकलने के लिए सही और गलत का फैसला करना होता है और उसकी परिस्थितियां, उसके हालात गलत रास्ता चुनने पर मजबूर कर देती हैं, उस समय वो क्या फैसला लेता है इससे पता चलता है कि वो इंसान क्या है। दुखों को परीक्षा समझ कर निभाते जाओ। सब बीतना है, सब बीतता जायेगा।


  14. सीने के सबसे करीब, सबसे कीमती एक ही चीज़ है - दिल। बस उसे संभाल कर रखो, तो संभलना अपने आप आ जाता है।

  15. कर्मफल से कोई भी मुक्त नहीं।
  16. शिर्डी मेरे गुरु का स्थान है, मेरी माँ का घर है और मुझे यहाँ से कोई नहीं निकल सकता।
  17. जितना आवश्यक हो उससे अधिक लेने का मतलब है किसी और कि जरूरत को पूरा होने से रोकना।

  18. धर्म क्या है?
    धर्म वो है जिसके लिए तुम्हारा जन्म हुआ है, जिसके लिए तुम इस दुनिया में आए हो। आग का अपना धर्म है, पानी का भी, जानवरों का अपना धर्म है और इंसान का धर्म ये है कि इस संसार को और बेहतर बनाना। समाज के उद्धार को अपने जीवन का लक्ष्य मानना और उस पर अमल करना।


  19. हमारे मजहब अलग हो सकते हैं, देश अलग हो सकते हैं लेकिन धर्म सिर्फ एक है। ज़िन्दगी में कोई फैसला लेना हो और समझ न आए कि क्या करना है तो इंसानियत के इस धर्म को याद करना। एक दिए कि तरह तुम्हें उस अँधेरे से बाहर आने का रास्ता धर्म जरूर दिखायेगा।

  20. कभी-कभी अमृत को पाने के लिए विष का निकलना भी जरूरी होता है।

  21. सबसे प्यार करो, जरूरतमंद की मदद करो, किसीसे ईर्ष्या न करो बल्कि हर किसी की ख़ुशी में खुश रहना सीखो।

  22. आपके पास जो कुछ भी है उसके लिए भगवान को धन्यवाद करो और सत्कर्म करते रहो।

  23. कई बार इंसान का उद्देश्य सही भी हो पर भय के कारण वो गलत निर्णय ले लेता है। इसलिए भय को कभी भी अपने विवेक पर हावी मत होने दो।

  24. क्रोध हमसे हमारा विवेक छीन लेता है और क्रोध में हम बहुत से अच्छी चीज़े भूल जाते हैं।

  25. चिंता एक भूखे प्राणी की तरह है, उसे जितना खाने दोगे, खाती रहेगी।

  26. अगर इंसान के हाथ में कुछ है तो वो है कर्म करना, इसलिए कर्म करने पर ही ध्यान देना चाहिए फल पर नहीं।

  27. हर समस्या पहले सर्वाधिक जटिल और दूर लग सकती है लेकिन अगर मन में श्रद्धा और सबुरी हो तो हर परेशानी का हल निकल सकता है। बस इतना ध्यान रखना है कि समस्या में हम खो न जाये, हर न माने और विश्वास रखे कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है।

  28. इंसान इंसान के लिए बुरा सोच सकता है, बुरा कर सकता है लेकिन भगवान का कोई भी संकेत, कोई भी रचना हमेशा भले के लिए ही होती है।

  29. डर और बेचैनी से काम बिगड़ जाता है। धैर्य और आशा में वो शक्ति है जो बिगड़े काम बनाते हैं।

  30. जहाँ तक हो सके हमें गलती होने से रोकनी चाहिए लेकिन जब हमारे लिए कुछ भी कर पाना संभव ना हो, तो हमें परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। ये सोचकर कि जो हो रहा है वो मेरे हाथ में नहीं है तो जरूर ईश्वर के हाथ में होगा। उसमे या तो हमारा भला छिपा होता है या कोई ऐसी सीख जो हमारा आगे का जीवन सुखी कर देती है।

  31. जीवन एक तराज़ू की तरह है, उसमें अगर संतुलन बिगड़ जाये तो अस्थिरता आ जाती है।

  32. संसार की कोई भी मुश्किल भाग जाने से या मुँह मोड़ लेने से हल नहीं होती है।


Also, read Instructions and arrangements for Sai devotees visiting Shirdi after lockdown

Monday, June 29, 2020

साईं बाबा के 11 वचन with meaning in हिंदी

श्री साईं बाबा के ११ वचन with meaning in हिंदी

श्रद्धा और सबुरी का पाठ कराने वाले श्री साईं बाबा के ग्यारह वचन, यह वचन पढ़ने और इनका श्रद्धापूर्वक पालन करने से शुभ और लाभ की प्राप्ती होगी और सभी कार्य सफलतापूर्वक सिद्ध होंगे।

साईं के ११ वचनों का बड़ा महत्व है जिसमें जीवन की हर समस्या का समाधान छिपा है। यह साईं भक्तों के लिए उनके दर्शन समान हैं। आइये देखते हैं ये ११ वचन क्या हैं और इनका क्या मतलब है।



sai baba ke 11 vachan


साईं बाबा के latest status images और Quotes.


साईं के ११ वचन


Play 👇 Sai Baba ke 11 vachan "जो शिरडी में आएगा, आपदा दूर भगाएगा" here.


  1. जो शिरडी में आएगा। आपदा दूर भगाएगा।
    Meaning
    पहले वचन में साईं अपने भक्तों को शिर्डी आने के लिए कहते हैं और कहते हैं जो भी शिर्डी में आएगा उसकी सारी परेशानियां समाप्त हो जाएँगी।

  2. चढ़े समाधि की सीढ़ी पर। पैर तले दुःख की पीढ़ी कर।
    Meaning
    साईं के दुसरे वचन के अनुसार उनकी समाधि की सीढ़ी पर पैर रखते ही या फिर उनकी समाधि के दर्शन से साईंभक्तों के दुःख दूर हो जायेंगे। इसके लिए साईं के प्रति श्रद्धा और सबुरी का होना जरूरी है।

  3. त्याग शरीर चला जाऊँगा। भक्त-हेतु दौड़ा आऊँगा।
    Meaning
    तीसरे वचन में साईं कहते हैं भले ही मैंने शरीर त्याग दिया हो पर अपने भक्त की श्रद्धा भरी पुकार सुनकर मैं उसकी सहायता के लिया दौड़ा आऊंगा।

  4. मन में रखना दृढ़ विश्वास। करे समाधि पूरी आस।
    Meaning
    चौथे वचन में साईं कहते हैं कि मुश्किल में मेरे हर भक्त को दृढ़तापूर्वक विश्वास करना चाहिए की उनकी हर परेशानी का हल उन्हें इस समाधि पर जरूर मिलेगा।

  5. मुझे सदा जीवित ही जानो। अनुभव करो सत्य पहचानो।
    Meaning
    पांचवे वचन में साईं कहते हैं कि मेरा अस्तित्व सिर्फ शरीर तक ही सीमित नहीं है बल्कि मैं हमेशा परमात्मा के अंश की तरह सदैव जीवित रहूँगा। अपने प्रेम और भक्ति की शक्ति से मेरे भक्त सत्य को पहचान सकते हैं।

  6. मेरी शरण आ खाली जाये। हो तो कोई मुझे बताये।
    Meaning
    छठवे वचन में साईं कहते हैं कि जो भी पूरी श्रद्धा के साथ मेरे पास आता हैं उसकी हर इच्छा मैं पूरी करता हूँ। साईं अपने भक्तों से पूछते हैं की मेरे दर पर आकर अगर कोई खाली हाथ गया है ऐसा अगर कोई शक हो तो मुझसे कहो।

  7. जैसा भाव रहा जिस जन का। वैसा रुप हुआ मेरे मन का।
    Meaning
    सातवे वचन में साईं भाव का महत्व समझाते हुए कहते हैं कि जो मुझे जिस भाव से देखेगा मैं उसे वैसा ही नज़र आऊंगा। मेरे भक्त जिस भाव से मेरी कामना करते हैं मैं उसी भाव से उनकी कामना पूरी करता हूँ।

  8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा। वचन न मेरा झूठा होगा।
    Meaning
    साईं के आठवें वचन के अनुसार जो भी पूरी श्रद्धा रखते हुए साईं के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं उनका पूरा भार साईं खुद उठाते हैं और उनकी हर जिम्मेदारियों को पूर्ण करने में उनकी मदद करते हैं। ये साईं वचन देते है जो कभी भी झूठा नहीं होगा।

  9. आ सहायता लो भरपूर। जो मांगा वह नहीं है दूर।
    Meaning
    साईं के नौवें वचन के अनुसार श्रद्धा और प्रेम से जो भी साईं से कुछ भी मागेंगे उसे साईं अवश्य ही पूरा करेंगे।

  10. मुझ में लीन वचन मन काया। उसका ऋण न कभी चुकाया।
    Meaning
    साईं के दसवें वचन के अनुसार जो भक्त तन, मन और वचन से मुझमें लीन होता है उसका मैं सदैव ही ऋणी रहूंगा और उसकी हर इच्छा व जिम्मेदारी मेरे लिए ऋण समान है।

  11. धन्य-धन्य वह भक्त अनन्य। मेरी शरणतज जिसे न अन्य।
    Meaning
    साईं के ग्यारहवे वचन के अनुसार वो भक्त धन्य हैं जो अनन्य भाव से साईंभक्ति में लीन हैं, वो सदैव ही साईं को प्रिय हैं अर्थात जो भक्त अनन्य भाव से ईश्वर में लीन होते हैं उन पर भगवान की कृपा होती है।

साईं बाबा के 108 नामों का भी पता लगाएं, साईं बाबा अष्टोत्रम पढ़ें।


दुसरे शब्दों में साईं बाबा के ११ वचनों को इस तरह से भी कहा जा सकता है। कृपया ध्यान दें कि इनका भावार्थ एक ही है।

साईं बाबा के 11 वचन

शिरडी के पावन भुमि पर पाँव रखेगा जो भी कोई।
तत्क्षण उसके मिट जाएँगे सभी अपाय हो जो भी कोई ।।१।।

समाधि की सीढी चढेगा जो मेरी।
मिटे दुःख दरिद्र और चिन्ताएँ सारी ||२||

गया छोड इस देह को किन्तु, फिर भी।
दौडूंगा निजभक्त के हेतु, फिर भी ।।३।।

मनोकामना सिध्दीदा ये मेरी समाधी।
रखो इस पर विश्वास और दृढबुध्दि ||४||

नित्य हूँ जीवित मैं, ये है अक्षरौंश सत्य।
नित्य लो प्रचीति, निजस्वानुभव ||५||

मेरी शरण में आ के, कोई गया हो खाली।
ऐसा मुझे बतादो, कोई एक भी सवाली ||६

भजेगा जो मुझको जिस भाव में।
पाऊँगा उसको मैं उस भाव में ||७||

तुम्हारा यो सब भार ढोऊँगा मैं।
नहीं इसमें सौंशय, ये वचन सतय मेरा ||८||

मिलेगी मदत यहाँ सबकी ही जानो।
मिलेगी वही उसको जो जो भी माँगे ।।९।।

हो गया मेरा ही जो तन मन वचन से।
ऋणी हूँ मैं उसका सदा सर्वदा ही ||१०||

कहे साई वो ही हुआ धन्य - धन्य।
हुआ जो अनन्य मुझमे अभिन्न ||११||




ॐ श्री सच्चिदानंद सद्गुरु साईनाथाय नमः।


Thursday, June 18, 2020

साईं बाबा द्वारा श्रद्धा और सबुरी पाठ - meaning in Hindi

साईं बाबा का श्रद्धा और सबुरी पाठ


श्रद्धा और सबुरी - ये साईं बाबा की मुख्य शिक्षाएँ हैं और प्रत्येक साईंभक्त को इसके बारे में पता है। अब इसका अर्थ समझते हैं। श्रद्धा और सबुरी का अर्थ है विश्वास और धैर्य। ये दो मूलभूत गुण हैं जो किसी भी इंसान के लिए अनिवार्य हैं।

sai baba shraddha saburi meaning in hindi
साईं बाबा

श्रद्धा और सबुरी (Shraddha Saburi meaning in hindi)

मानव के सबसे बड़े दोषों में से एक है धैर्य की कमी। जीवन में भी यही दोष है। अधिकांश लोग सफलता से पहले हार मान लेते हैं, केवल वही सफल होते हैं जो धैर्य रखते हैं। यदि आप धैर्य रखते हैं और पर्याप्त समय देते हैं तो आप आवश्यक परिणाम प्राप्त करने में सफल होते हैं।

श्रद्धा का अर्थ है किसी पर या किसी चीज पर पूरा भरोसा या विश्वास। श्रद्धा पत्थर को भगवान और राख को भभूत बना देती है। अगर हमारी साई पर श्रद्धा है तो हमें उन्हें पूरी तरह से समर्पित कर देना चाहिए।

एक कहानी के उदाहरण से समझते हैं जो मैंने एक टीवी सीरियल में देखा था।

एक बार एक तपस्वी का शिष्य उनसे कहता है की मुझे बताइये कि मुझे भगवान के दर्शन कब होंगे। वह बार बार उनसे यही पूछता रहता था तो एक दिन तपस्वी ने उससे परेशान होकर कह दिया कि पास वाले जंगल में जाओ वहां तुम्हे भगवान के दर्शन जरूर होंगे. शिष्य चला गया जंगल और वहां पहुंच कर भगवान को पुकारने लगा. भगवान आप कहा हैं, कृपा कर मुझे दर्शन अपने दें। भगवान प्रकट हुए और शिष्य बहोत खुश हुआ। ख़ुशी ख़ुशी वो वापस तपस्वी के पास पहुंचा और उन्हें अपने अनुभव सुनाये। तपस्वी पूर्णतः आश्चर्यचकित होकर कहने लगा तुम झूठ तो नहीं कह रहे क्योंकि मैं इतने सालों से तपस्या कर रहा हू और मुझे अभी तक भगवान के दर्शन नहीं हुए और तुम्हे कैसे इतनी जल्दी दर्शन हो गए। असल में शिष्य को अपने गुरु (यानि कि तपस्वी) पर पूरी श्रद्धा थी इसकी वजह से वह उनकी बात मानकर जंगल चला गया पूर्णतः विश्वास के साथ कि वहां उसे भगवान के दर्शन जरूर होंगे और वही हुआ।

इस कहानी से आप समझ गए होंगे कि अगर आप भगवान में श्रद्धा रखेंगे तो भगवान आपका साथ हमेशा देंगे। मगर श्रद्धा के साथ साथ सबुरी यानि कि धैर्य की भी उतनी ही जरूरत है. ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। अगरआप में श्रद्धा है तो आप धैर्य रखने में सक्षम हैं और अगर आपमें धैर्य है तो आप के अंदर श्रद्धा भी होगी।


श्रद्धा और सबुरी robotic act in Dwarakamai, Saiteerth

साईं तीर्थ में द्वारकामाई नामक प्रोग्राम में एक रोबोटिक एक्ट किया जाता है जिसमे साई बाबा म्हालसापति और अब्दुल को श्रद्धा सबुरी का पाठ पढ़ा रहे है। कृपया इसके लिए नीचे दिया गया वीडियो देखे। 



श्रद्धा और सबुरी जीवन का नियम

श्रद्धा और सबुरी को अपने दिल के करीब रखें। चाहे आप कितनी भी बड़ी विपत्ति का सामना क्यों न करें, इससे भयभीत न हों। और अच्छे समय के दौरान अपनी भौतिक दुनिया में व्यस्त न रहें। समभाव से रहो।

हम सभी के इस जीवन में दुख और दुख दोनों का हिस्सा है। क्यों? क्योंकि हम जन्म और मृत्यु के चक्र में फंस जाते हैं। इसलिए इस समझ के साथ, खुश रहें, दुखी न हों। इसे हमेशा याद रखें।

जीवन की सभी घटनाएँ हमारे पूर्व कर्मों के अनुसार पूर्व नियोजित हैं; हमें सही रवैये के साथ उनका सामना करना होगा। पिछले जीवन में किसी ने क्या किया है, इस जीवन में इसके परिणामों का सामना करना पड़ता है।

जब आप विश्वास के साथ साईं बाबा का हाथ पकड़ते हैं, तो वह आपको अपने जीवनकाल में किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होने देगा। वह आपके साथ खड़ा रहेगा। श्रद्धा और भक्ति के साथ उसका नाम लो।

यह कुछ भी जटिल नहीं है; आपसे उम्मीद नहीं की जाती है कि आप कोई अनुष्ठान करें, फूल और फल चढ़ाएँ ... या कठोर या कठिन योगाभ्यास जैसे कुछ भी करें ... यह सरल है, बस विश्वास के साथ "साईं राम, साईं राम" का पाठ करें। .. और उसे अच्छे और बुरे दोनों समय में याद रखें ... तभी वह हमेशा आपके साथ रहेगा।

अधिकांश लोग अनुकूल समय के दौरान भगवान को भूल जाते हैं, और केवल तभी उन्हें मदद के लिए बुलाते हैं जब वे कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं; कृपया ऐसा मत करो।

ॐ साईं राम जय साईं राम।