Tuesday, May 25, 2021

साईं बाबा व्रत कथा, नियम और पूजा विधि in हिंदी (9 गुरुवार)

साईं बाबा व्रत कथा (9 गुरुवार), नियम और पूजा विधि in हिंदी

गुरुवार का दिन साईं बाबा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए साईं व्रत रखते हैं। साईं महिमा अपरम्पार है। इन्होने कभी भी किसी में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया। जो भी साईं को सच्चे मन से पुकारते हैं साईं उनकी जरूर सुनते हैं और मदद भी करते हैं। साईं बाबा पर श्रद्धा रखकर ९ गुरुवार विधिपूर्वक साईं व्रत करने पर आपको निश्चित ही इसका फल प्राप्त होगा और आपके कार्य सिद्ध होंगे। साईं व्रत कैसे करें, इसके बारे में यहाँ पर सारी जानकारी दी गयी है।

sai vrat katha niyam


साईं व्रत के नियम

साईं व्रत कोई भी कर सकता है, बस आस्था होनी चाहिए। इसे किसी भी गुरुवार से सच्चे दिल से साईं बाबा का नाम स्मरण करके शुरू किया जा सकता है। साईं के प्रति सच्ची श्रद्धा भाव जरूरी है। यह व्रत १, ९, ११ या २१ गुरुवार किया जा सकते हैं और ज्यादातर लोग ९ गुरुवार साईं व्रत हैं और फिर उद्यापन कर देते हैं।


साईं व्रत पूजा विधि

साईं व्रत में पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जा सकती है। सुबह नहा धोकर एक साफ़ सुथरे आसन (या चौकी) पर पीले रंग का कपडा डालकर उसपर साईं बाबा की फोटो रखनी है। फोटो को साफ़ करके साईं बाबा को चन्दन का टीका लगाना है और माला-फूल चढ़ाना है। पीले रंग के फूल होंगे तो और भी अच्छा है। दिया, अगरबत्ती लगाना है और साईं की आरती करनी है। आप साईं को प्रसाद भी चढ़ा सकते है।


आप किसी विशेष वस्तु या इच्छा के लिए व्रत कर रहे हैं उसके लिए सच्ची श्रद्धा रखते हुए साईं से प्रार्थना कीजिये और उन्हें दिल से धन्यवाद दीजिये, आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी।


गुरुवार के दिन को अपने साईं बाबा को समर्पित किया है तो आपको निरंतर साईं स्मरण करना चाहिए, जिससे आप अपने आप को साईं के समीप महसूस कर सकें।


साईं व्रत को एकदम खाली पेट (निराहार) नहीं करना है, आप फलाहार या फिर एक वक़्त का खाना खा सकते हैं।


अगर किसी वजह से आप किसी गुरुवार को साईं व्रत नहीं कर पाते हो तो कोई बात नहीं, मन में किसी भी प्रकार की शंका न रखते हुए आप अगले गुरुवार को व्रत जारी रख सकते हैं।


वैसे, साईं तो हमारे मन में बसे हैं, हमें उन्हें कही ढूंढने की जरूरत नहीं फिर भी अगर हो सके तो साईं मंदिर जाकर साईं बाबा के दर्शन कर लीजिये। इससे हमें और भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।


साईं बाबा व्रत कथा पढ़े या फिर सुने इससे हमारी आस्था और मज़बूत होती है और हम अपनी इच्छाओं को पूर्ण होता हुआ महसूस करते हैं। "ॐ श्री साईनाथाय नमः" का उच्चारण कर सकते हैं। इससे आस पास के वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचारण होता है।


साईं बाबा हमेशा ही जरूरतमंद लोगों की मदद करते थे और भूखों को खाना खिलाते थे इसलिए अगर आप ऐसे किसी इंसान की मदद करें या खाना खिला सके तो साईं अत्यंत प्रसन्न होंगे।


अत्यधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप गुरुवार साईं व्रत में जो कुछ भी करें श्रद्धा और सबुरी रख के करें, किसी भी तरह की शंका न रखें। हमेशा साईं के प्रति सच्ची श्रद्धा रखें।


साईं व्रत उद्यापन

नौवें (9th) गुरुवार को साईं व्रत का उद्यापन करें। पूजा विधि समाप्त करके अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों को खाना खिलाएं या फिर खाद्य पदार्थ का वितरण करें। जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान दक्षिणा दें। साईं व्रत कथा की पुस्तक लोगों को बाँट के साईं महिमा का प्रसार करें।

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