Wednesday, January 5, 2022

नए साल २०२२ पर शिर्डी साईं दर्शन अनुभव

नए साल २०२२ पर शिर्डी साईं दर्शन अनुभव

वैसे हमारा शिरडी आना जाना तो लगा ही रहता है लेकिन साल के पहले दिन कभी भी साईं दर्शन का मौका नहीं मिला था। इस बार साईं की कृपा हुई और साल २०२२ के पहले ही दिन शिरडी जाने का प्लान बना। हम रहने के लिए नाशिक में हैं तो एक दिन में आना जाना हमारे लिए आसान था। हमें पता था की नए साल पे शिरडी में भक्तों की भारी भीड़ होती है और इस बार भी साईं भक्तों का ताँता लगा हुआ था।

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नाशिक से साईं प्रसादालय और साईं मंदिर तक जाने का अनुभव

१ जनवरी २०२२ सुबह ११ बजे हम नाशिक से निकले। नाशिक से शिरडी तक का २ घंटे का रस्ता है। हमने दोपहर ३ बजे दर्शन का टिकट बुक किया था। सुबह के समय भारी भीड़ होगी यह सोच कर हमने दोपहर का समय दर्शन के लिए तय किया था जब भीड़ थोड़ी कम होगी। हमेशा ही दोपहर की साईं आरती के २ घंटे के बाद भीड़ काफी कम होती है। हम दोपहर के १ बजे तक पहुंच गए दर्शन में समय था तो हम साईं प्रसादालय चले गए और वहा साईं प्रसाद ग्रहण किया। प्रसादालय में भी काफी भीड़ थी लेकिन ज्यादा समय नहीं लगा और १० मिनट्स में हमारा नंबर आ गया। प्रसादालय में भोजन ग्रहण करने के पश्चात् हम साईं समाधी मंदिर गए।

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शिर्डी में भारी भीड़ का सामना

प्रसादालय से मंदिर की तरफ जाने के लिए जो रास्ता है वो ट्रैफिक से भरा हुआ था तो ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक को डाइवर्ट कर रहे थे। इस वजह से हम पीछे वाले रास्ते से साईं समाधी मंदिर पहुंचे। काउंटर पर भीड़ से बचने के लिए और समय न बर्बाद हो इसलिए मोबाइल और जूते-चप्पल हमने गाड़ी में ही रख दिए। हमने फ्री दर्शन पास लिया था तो हमें गेट नंबर-2 पे जाना था। गेट नंबर १ पे ही इतनी भीड़ थी की लोग ठसाठस भरे हुए थे। सुबह सुबह ही वैष्णो  देवी में हुए भगदड़ की खबर सुनी थी लगा कही यहाँ भी वही हाल न हो जाये इसलिए वह से गेट नंबर २  तक जाने हिम्मत ही नहीं हो रही थी। पर जैसे तैसे हम भीड़ में घुसे और भली-भांति निकल भी आये और हमने चैन की सांस ली।

साईं मंदिर के सिक्योरिटी में चूक

हमने गेट नंबर २ से एंट्री ली लेकिन वहाँ पर मौजूद सिक्योरिटी ने टिकट चेक ही नहीं किया। उसके बाद जहाँ टिकट के साथ ID proof चेक किया जाता है वहाँ भी किसी ने कुछ भी चेक नहीं किया बस पेपर देख के आगे बढ़ने के लिए बोल दिया।

साईं दर्शन in Covid time

कोविद के समय में ही हमने अब तक सबसे अच्छे दर्शन किये थे क्योंकि कोविद की वजह से लोगो में अच्छा खासा अंतर होता था और लाइन निरंतर बिना रुके चलती रहती है जिससे दर्शन जल्दी हो जाते है। २०२१ में मैंने तीन बार साईं दर्शन किया और तीनो बार अच्छा अनुभव था। सभी जहाँ कोविद नियमों का पालन और अनुशासित भीड़ से साईं दर्शन बहोत ही अच्छे से हुआ है। मंदिर के बाहर भले ही कितनी भीड़ हो लेकिन मंदिर के अंदर सब कुछ बढ़िया रहता था।

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नए साल २०२२ पर साईं दर्शन

इस बार यानी कि साल २०२२ में भी भीड़ बहोत थी और मंदिर के अंदर लोगो में दूरी नहीं थी। कई जगह पर मैंने देखा कि जहाँ देखरेख के लिए मंदिर का कोई स्टाफ नहीं होता था वहां लोग आगे निकलने के लिए कही से भी लाइन तोड़ के आगे निकल जाते थे। भले ही भारी भीड़ थी लेकिन दर्शन फटाफट हो गया। आधे घंटे में हम दर्शन करके बाहर भी आ गए।

साईं मुख दर्शन के लिए भी लाइन लगी हुई थी। मुख दर्शन के लिए जो लाइन थी वह द्वारकामाई से घुमाई जा रही थी। ये अच्छा काम हो गया जिससे सभी को साईं के दर्शन हो जाते हैं। कुल मिलाकर नए साल पर साईं दर्शन का अनुभव अच्छा रहा और पहली बार नए साल के मौके पर शिर्डी आने का मौका मिला इससे मन अति प्रसन्न।

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