श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन आरती lyrics with mp3
"श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन" रामजी की यह आरती बहुत प्रसिद्ध है और सुरेश वाडकर जी के आवाज़ में यह अत्यंत मनमोहक है।
राम आरती "श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन" lyrics
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श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भव भय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥
श्री राम, श्री राम, रघु राम , श्री राम ॥
कन्दर्प अगणित अमिट छवि, नव नील नीरद सुन्दरम्।
पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचिनौमि जनक सुतावरम्॥
श्री राम, श्री राम, रघु राम , श्री राम ॥
भजु दीनबंधु दिनेशदानव दैत्य वंश निकन्दनम्।
रघुनन्द आनन्द कन्द कौशलचन्द्र दशरथ नन्द्नम्॥
श्री राम, श्री राम, रघु राम , श्री राम ॥
सिर मुकुट कुंडल तिलकचारू उदारु अंग विभूषणम्।
अजानुभुज शर चाप-धर,संग्राम जित खरदूषणम्॥
श्री राम, श्री राम, रघु राम , श्री राम ॥
इति वदति तुलसीदास, शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु, कामादि खल दल गंजनम्॥
श्री राम, श्री राम, हे राम , श्री राम ।
मन जाहि राचेऊ मिलहिसो वर सहज सुन्दर सांवरो।
करुणा निधान सुजानशील सनेह जानत रावरो॥
श्री राम, श्री राम, रघु राम , श्री राम ॥
एहि भाँति गौरी असीससुन सिय हित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनिमुदित मन मन्दिर चली॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भव भय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥
श्री राम, श्री राम, रघु राम , श्री राम ॥
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