माँ दुर्गा आरती - ॐ जय अम्बे गौरी लिरिक्स हिंदी में
माँ अम्बे दुर्गा देवी का ही एक रूप हैं जिन्हे भगवती के नाम से भी जाना जाता है। माँ अम्बे को ही संपूर्ण सृष्टि, सभी जीव और प्राणियों की माता कहते हैं। असुर शुम्भ - निशुम्भ और चंड - मुंड का संहार करने वाली माँ अम्बे की आरती "जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी" का पाठ करें (जिसमें माता रानी की स्तुति बहोत ही सुन्दर तरीके से की गयी है) और माँ का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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ॐ जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी लिरिक्स
Play 👇 माँ दुर्गा की आरती - ॐ जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुम को निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।
ॐ जय अम्बे गौरी।
मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को,
उज्जवल से दोउ नैना चन्द्र बदन नीको।
ॐ जय अम्बे गौरी।
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे,
रक्त पुष्प गल माला कंठन पर साजे।
ॐ जय अम्बे गौरी।
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी,
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी।
ॐ जय अम्बे गौरी।
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती,
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति।
ॐ जय अम्बे गौरी।
शुम्भ निशुम्भ विडारे महिषासुर घाती,
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती।
ॐ जय अम्बे गौरी।
चंड-मुंड संहारे शोणित बीज हरे,
मधु कैटभ दोऊ मारे सुर भयहीन करे।
ॐ जय अम्बे गौरी।
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी,
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी।
ॐ जय अम्बे गौरी।
चौसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरु,
बाजत ताल मृदंगा अरु बाजत डमरु।
ॐ जय अम्बे गौरी।
तुम ही जग की माता तुम ही हो भर्ता,
भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पत्ति कर्ता।
ॐ जय अम्बे गौरी।
भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी,
मन वांछित फ़ल पावत सेवत नर-नारी।
ॐ जय अम्बे गौरी।
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रत्न ज्योति।
ॐ जय अम्बे गौरी।
माँ अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पावे।
ॐ जय अम्बे गौरी।
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुम को निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।
ॐ जय अम्बे गौरी।
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